Monday, 3 August 2015

KedarNath Temple

KedarNath Temple

जय गंगाधर जय अहि भूषण ।
विगत विकार रहित सब दूषण ।।

जगदगुरु जय जगत विभूषण ।
धारत सरिस सुता गिरि भूषण ।।

जयति दयाकर सर्वस दाता ।
समरथ सदा दीन हित राता ।।

वेद पुराण जगत यश जागै ।
संतोष भगति रघुपति की मागै ।।

भगत कामतरु करुणाधाम काशीनाथ विश्वम्भरं ।
दीनानाथ धरु मम सिर हाथ पाहि शंकर उमा वरं ।।

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