हर कदम पर क्यों सदा मै मार खाता हूँ जितना चाहू मगर में हार जाता हूँ,
आ देख ले आकर के साईं मेरे ये हालत थाम लो साईं बाबा आकर के मेरा हाथ
""बाबा मालिक"
"जय साईं देवा"
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इंसान अपना चेहरा सजाता है जिस पर लोगो की नज़र होती है,
मगर..
दिल को सजाने की कोशिश कोई नहीं करता जिस पर साईं राम की नज़र होती है
"सबका मालिक एक"
"ॐ साईं राम"
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साईं का खेल बड़ा ही निराला है..
वो तब नहीं देता जब ज़रुरत कम उम्मीद ज्यादा हो,
वो तो तब देता है जब उम्मीद कम मगर जरूरत ज्यादा हो...
सबका मालिक एक..
जय साईं देवा..
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अज़ीज़ भी साईं हैं नसीब भी साईं हैं !!
दुनिया की भीड़ में करीब भी साईं हैं !!
उनकी रहमत से ही चलती है जिंदगी !!
क्योंकि राम भी साईं हैं रहीम भी साईं हैं !!
!! जय श्री साई राम !! !! ॐ श्री साई राम !! !! सत्य श्री साई राम !!
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